दुनिया की इस भीड़ में खो जाने का मन करता है,
कौन हूँ में ये तक भूल जाने का मन करता है,
अपनी परछाई तक से दूर हो जाने का मन करता है,
एक कोने में खुद में सिमट जाने का मन करता है,
कभी कभी बस युही रो जाने का मन करता है,
दुनिया की इस भीड़ में बस खो जाने का मन करता है...
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2 comments:
बहुत सुन्दर!!
Dhanyavaad :-)
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