आपको देखू तो दिल को थोड़ी रहत मिले,
आपके कदमो की एक तो आहट मिले,
इंतज़ार है न जाने कब से मुझे,
काश की मुझे आपकी एक मुस्कराहट मिले ...
गुज़र जाते है आप मुझे गैर समझ कर
काश की मुझे भी आपकी नज़रे इनायत मिले,
इंतज़ार है न जाने कब से मुझे ,
काश की मुझे आपकी एक मुस्कराहट मिले ...
भूलकर ख़ुद को भी डूब जाऊ मैं आपकी निगाहों में ,
एक ऐसा पल जो कभी क़यामत मिले,
उस घड़ी का इंतज़ार करेंगे हम ज़िन्दगी भर ,
काश की आपके जीवन का एक पल हमें अमानत मिले ...
अपनी चाहत को हम कभी ज़ाहिर ना कर पाएंगे,
पर मेरी चाहत की आपको कुछ तो सुगबुगाहट मिले,
इंतज़ार है ना जाने कब से मुझे,
काश की मुझे आपकी एक मुस्कराहट मिले ...
कभी तो मुझे भी आपके रिश्तो की गरमाहट मिले,
जितना चाहते हैं हम आपको,
हमें भी उतनी ही चाहत मिले,
इंतज़ार है ना जाने कब से मुझे,
काश की मुझे आपकी एक मुस्कराहट मिले ...
इल्तजा है बस इतनी खुदा से हमारी ,
आपको आपकी हर चाहत मिले,
जिस एक मुस्कराहट को तरसे हैं हम,
आपको ज़िन्दगी भर वो मुस्कराहट मिले,
इंतज़ार है ना जाने कब से मुझे,
काश की मुझे आपकी एक मुस्कराहट मिले ...
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9 comments:
:)
intezaar hai aapki agli post ka ... :)
aapka intezaar khatam hua :-)
Beautiful poems.
Keep posting.
nice, keep it up :)
Thanx to all of you. Please keep reading my poems :-) As I already have mentioned that i'm quite new to this so please give your suggestions/comments. Once again Thank You :-)
Neha...it is simlpy amazin...the best romantic poem i have read so far ( although i hav read quite a few ;) :) ..
nice....:)
बेहतरीन लिखा है आपने.
जारी रहें. शुभकामनाएं.
[उल्टा तीर]
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