क्यूँ आंसुओ से गम धुल नहीं पाते ? क्यूँ बारिश की बूंदों के साथ वो घुल नहीं जाते ? काश की उन्हें भी कुछ बहा ले जाती , तो कम से कम वो गम हमे याद तो न आती ...
..Discovering within... ;)
Well I have completed my Integrated B.Tech-M.Tech (Biotech) and now working as CSIR-SRF in BIT, Mesra.Though I am very naive to write poems, but I found this medium the best to express the feelings (mine as well as others). So your valuable suggestions/comments are most welcome :-)
4 comments:
achchi hai.
याद हर खाली वक्त में अपना समय काटने आ जाती है....पर हमारे लिए किसी चुभन से कम नहीं होती....अभी बीमारी मे यादों की परछाईयों ने बहुत तंग किया..
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
सोच बहुत सुंदर - और प्रभावशाली बनायें.
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